
Pahalgam Attack : अब बर्दाश की सीमा हुए पार , जान की भीख मांगेगा पाकिस्तान , भारत के 5 सबसे बड़े फैसले ।
Pahalgam Attact : पहलगाम आतंकी हमले मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास में CCS की बैठक हुई । जिसमें भारत सरकार ने पाकिस्तान के विरुद्ध और इस आतंकी हमले के विरुद्ध पांच सबसे बड़े फैसले लिए । भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान के साथ किए गए सिंधु जल समझौता को रोकने का फैसला किया । पाकिस्तान जब तक सीमा पर आतंकवाद पर ठोस कार्यवाही नहीं करेगा तब तक यह समझौता रुक रहेगा , जानिए भारत के द्वारा उठाए गए और सख्त कदम ।
पहला फैसला : सिंधु जल संधि को रोकना
पहलगाम में निर्देश पर्यटकों पर आतंकवादी के हमले के बाद भारत ने बुधवार को पांच फैसला किया । जिससे सीमा पर आतंकवाद के मुद्दे को पाकिस्तान के खिलाफ अभी तक सबसे बड़ी कार्यवाही मानी जा सकती है । बुधवार की शाम भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में Cabinet Committee on Security ( CCS ) बैठक हुई जिसके बाद में , पाकिस्तान के साथ वर्ष 1960 में किए गए सिंधु जल समझौता को रोकने का फैसला किया ।
इस बदलाव से आखिर क्या फर्क पड़ेगा पाकिस्तान की इकोनॉमी पर

पाकिस्तान जब तक अपनी सीमा पर आतंकवाद को लेकर कुछ कोई ठोस कार्रवाई नहीं करेगा । तब तक यह सिंधु जल संधि रुकी रहेगी । इस फैसले की खासियत को अब इस बात से समझ सकते हो कि पूर्व में भारत और पाकिस्तान के बीच में कई सारे युद्ध की स्थिति तथा आतंकी हमले हुए थे । लेकिन फिर भी भारत ने अपनी नम्रता दिखाते हुए सिंधु जल समझौता को नहीं रद्द किया था । लेकिन इस बार भारत इस जल संधि को रद्द कर रहा है क्योंकि पाकिस्तान ने अपनी सारी हदों को पार कर लिया है ।
भारत-पाक सिंधु जल समझौता के तहत इन दोनों के बीच में 6 नदियों के जल के बंटवारा का साझा किया गया है । पाकिस्तान की इकोनॉमी जो कि पहले से ही गिरी हुई है फलस्वरुप इस संधि के रद्द करने के बावजूद पाकिस्तान की इकोनॉमी को और भी ज्यादा बदहाल हो गया है ।
दूसरा फैसला : पंजाब सीमा को पाकिस्तान पर्यटकों के लिए बंद करना
CCS ( Cabinet Committee on Security ) का पहलगाम आतंकवादी हमले के ऊपर दूसरा सबसे बड़ा फैसला यह है कि पंजाब प्रांत की सीमा पर स्थित अटारी चितकोश को तत्काल प्रभाव से बंद करना । जो पाकिस्तानी नागरिक अटारी सीमा से भारत में प्रवेश कर रहे थे और अपना रोजगार और आए दिन की समस्याओं को दूर कर रहे थे । उन्हें अब मई 2025 तक लौट जाना होगा और अब उनके आवेश कॉफी प्रतिबंधित कर दिया गया है ।
तीसरा फैसला : SAARC वीजा के तहत देश में आना प्रतिबंध
कैबिनेट कम्युनिटी ऑफ सिक्योरिटी का बलगम आतंकवादी हमले के ऊपर तीसरा सबसे बड़ा फैसला यह है कि पाकिस्तान कैसे नागरिक जिन्हें SAARC वीजा के तहत भारत मन की छूट खत्म कर दी गई है और इस प्रकार के वीजा को भी अब रद्द कर दिया गया है ।

1992 वर्ष में यह स्किन को लागू किया गया था जिसके तहत पाकिस्तान के वरिष्ठ नागरिक जैसे पत्रकार , उद्योगपति , कलाकार , राजनेता और खेल जगत के बारे में सितारे इस विशेष सुविधा के तहत भारत में आकर भारत में अपना रोजगार , ऑपच्यरुनिटीज और कामयाबी को छूते थे । लेकिन अब भारत ने कहा कि अगर कोई पाकिस्तानी नागरिक इस वीजा के तहत भारत में आएगा तो उसे 48 घंटे के तहत भारत छोड़ना होगा ।
चौथा फैसला : पाकिस्तानी सेवा का भारत में निवेश निषेध
कैबिनेट कम्युनिटी ऑफ सिक्योरिटी ने अपना चौथा फैसला दिया है कि भारत में पाकिस्तानी उच्च आयोग में सैन्य , नौसेना तथा वायु सेवा सलाहकारों का निवेश , अब से निषेध हो जाएगा । पहले से जो सलाहकार रह रहे थे उन्हें एक हफ्ते के भीतर भारत छोड़कर जल्दी पाकिस्तान जाने की आदेश दी गई है । साथ ही साथ भारत में इस्लामाबाद स्थित अपने दूतावास से भी इन पदों पर तैनात अधिकारियों को वापस बुला लिया गया है । यही अब नहीं भारत अपने उच्च अधिकारी को पाकिस्तान भेजेगा और नहीं पाकिस्तान अब अपने उच्च अधिकारी को भारत भेज पाएगा ।
पांचवा फैसला : ऊंचा योग के कर्मचारियों की संख्या 25 घट गई
कैबिनेट समिति का सिक्योरिटी ने अपने पांचवें और अंतिम फैसले में पाकिस्तान की ऊंचाइयों की कर्मचारियों की संख्या 55 से हटा के 30 कर दिया है । भारत ने इस तरह से पाकिस्तान के राज के स्थल को और घटा दिया है वर्ष 2019 में जब भारत ने कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति की थी । उसके बाद पाकिस्तान ने अपने उच्च आयोग को वापस बुला लिया था तो इसके फलस्वरुप भारत में भी कुछ ऐसा ही किया था ।

CCS की मीटिंग में उपलब्ध मंत्री
बैठक में भारत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह , गृह मंत्री अमित शाह , विदेश मंत्री एस जयशंकर , NSA Ajit Dobhal , पीएम के विशेष सचिव डॉक्टर शक्तिकांत दास , रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह , खुफिया ब्यूरो के निर्देशक तपन देखा और रॉ एजेंसी के प्रमुख रवि सिन्हा भी उपलब्ध थे ।