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New Huawei Patent : 3000 किलोमीटर की शानदार रेंज , इलेक्ट्रिक , Features

By khabarbazar24

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New Huawei Patent : दिन प्रतिदिन जितनी तेजी से पेट्रोल और डीजल की महंगाई आसमान छूते जा रही है । उतने ही तेजी से नई-नई कंपनियां अपने पेट्रोल और डीजल मॉडल पर कम ध्यान दे रहे हैं और अपना सारा ध्यान इलेक्ट्रिक व्हीकल के ऊपर दे रहे हैं । आज की दुनिया में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की मांग दिन-ब-दिन बढ़ रही है, लेकिन एक आम इंसान के मन में आज भी दो सवाल सबसे पहले आते हैं — “कितनी दूरी चलेगी?” और “कितनी देर में चार्ज होगी?” अब लगता है कि इन दोनों सवालों का जवाब एक ही टेक्नोलॉजी में छिपा है, और वह लाई है चीन की जानी-मानी टेक कंपनी Huawei।

हुआवेई ने हाल ही में एक ऐसा पेटेंट फाइल किया है जिसने टेक्नोलॉजी और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में हलचल मचा दी है। यह पेटेंट एक नई Solid-State EV Battery के बारे में है जो केवल 5 मिनट में पूरी तरह चार्ज हो सकती है और एक बार चार्ज होने पर 3000 किलोमीटर से भी ज्यादा की दूरी तय कर सकती है ।

बैटरी की शानदार रेंज

Huawei Patent की इस बैटरी में नाइट्रोजन-डोप्ड सल्फाइड इलेक्ट्रोलाइट का इस्तेमाल किया गया है जो इसकी एनर्जी डेंसिटी को 400–500 Wh/kg तक पहुंचाता है। ये मौजूदा लिथियम-आयन बैटरियों से 2 से 3 गुना ज्यादा क्षमता रखती है। इतना ही नहीं, यह बैटरी 0 से 100 प्रतिशत तक सिर्फ 5 मिनट में चार्ज हो जाती है, जो आज तक किसी भी बैटरी टेक्नोलॉजी के लिए नामुमकिन जैसा था।

3000+ की धांसू रेंज प्रदान करती है

New Huawei Patent

Huawei Patent का दावा है कि यह बैटरी CLTC (China Light-Duty Vehicle Test Cycle) के अनुसार 3000 किलोमीटर से ज्यादा की रेंज दे सकती है। हालांकि अगर इसे EPA (Environmental Protection Agency) के मानकों से देखा जाए, तो यह रेंज लगभग 2000 किलोमीटर रहेगी — जो अभी भी दुनिया के किसी भी EV से कहीं ज्यादा है।

इसका मतलब है कि अगर यह तकनीक सच्चाई में तब्दील हो जाती है तो आप एक बार चार्ज करके हफ्तों तक कार चला सकते हैं, और चार्जिंग की चिंता ही नहीं रहेगी।


सबसे स्ट्रांग इंफ्रास्ट्रक्चर वाली इलेक्ट्रिक कार

जानकारों की मानें तो फिलहाल यह तकनीक लैबोरेटरी स्तर पर टेस्ट की गई है और इसे व्यावसायिक स्तर पर लागू करना अभी एक बहुत बड़ी चुनौती है। खासतौर पर साल्फाइड इलेक्ट्रोलाइट्स की कीमत बहुत ज्यादा होती है — लगभग $1400 प्रति kWh (1.20 लाख रुपये) — जो इस बैटरी को अभी आम लोगों की पहुंच से बाहर बनाता है।

इसके अलावा, इतनी तेज़ चार्जिंग के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर भी काफी मजबूत होना चाहिए, जो फिलहाल दुनिया के ज़्यादातर देशों में मौजूद नहीं है।

Huawei इलेक्ट्रिक कार की दुनिया का सितारा

भले ही Huawei अभी तक EV बैटरी बनाने वाली कंपनियों में शामिल नहीं है, लेकिन जिस तरह से कंपनी बैटरी रिसर्च और मटीरियल डेवलपमेंट में निवेश कर रही है, यह साफ है कि Huawei आने वाले समय में EV इंडस्ट्री में एक बड़ा खिलाड़ी बनना चाहती है।

जब दुनिया की दिग्गज कंपनियाँ जैसे Toyota, Samsung SDI और CATL 2027 से 2030 तक इस टेक्नोलॉजी को बाजार में लाने की योजना बना रही हैं, वहीं Huawei का ये दावा कि वह पहले ही ऐसा मॉडल बना चुकी है, ने सभी को चौंका दिया है।

Huawei खत्म करेगी रेंज और चार्ज की चिंता

अगर Huawei की यह तकनीक सफल होती है, तो EV की दुनिया पूरी तरह बदल सकती है। न केवल रेंज की चिंता खत्म होगी, बल्कि चार्जिंग स्टेशनों पर लगने वाली लंबी लाइनों और घंटों के इंतज़ार से भी निजात मिल सकती है।

यह बैटरी तकनीक उन करोड़ों लोगों के लिए उम्मीद की किरण है जो पर्यावरण के प्रति जागरूक हैं लेकिन अभी तक EV को अपनाने में हिचकिचाते थे।

Disclaimer : यह लेख Huawei द्वारा फाइल किए गए पेटेंट और विशेषज्ञों की शुरुआती राय पर आधारित है। अभी यह तकनीक व्यावसायिक रूप से उपलब्ध नहीं है और इसमें आगे चलकर बदलाव संभव हैं। पाठकों से निवेदन है कि इस जानकारी को संभावनाओं के तौर पर लें, न कि किसी पुष्टि के रूप में ।

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