
विराट कोहली के टेस्ट रिटायरमेंट के साथ एक युग का अंत हो गया है । सचिन तेंदुलकर के बाद उन्होंने नंबर चार की विरासत को बखूबी संभाला । मास्टर ब्लास्टर के रिटायरमेंट के बाद यह सवाल था कि टेस्ट क्रिकेट में अब कौन भारत की रेट की हड्डी बनेगा । मगर जल्द ही इस सवाल का जवाब किंग कोहली ने अपने बल्ले से दिया । हालांकि वह कभी सचिन तेंदुलकर की बराबरी नहीं कर पाए । जी हां विराट कोहली ने रिटायरमेंट होने से पहले 123 टेस्ट मैच खेले इस दौरान वह ना तो रनों के मामले में और ना ही शतक के मामले में सचिन को पचार पाए । एक नजर विराट कोहली बनाम सचिन तेंदुलकर के टेस्ट आंकड़ों पर डालते हैं ।
Kohli vs Tendulkar : Most Test Runs

विराट कोहली ने 123 टेस्ट माचो में 9230 रन के साथ अपना करियर का अंत किया । जबकि तेंदुलकर इन्हीं टेस्ट माचो के बाद 10,134 रन बनाए थे । कोहली का औसत इस दौरान 46.85 था जबकि सचिन तेंदुलकर का औसत 57.25 का था । अकड़े बताते हैं कि कोहली का टेस्ट करियर और साधारण था लेकिन तेंदुलकर अभी भी लंबे प्रारूप में उनसे एक तारा ऊपर के बल्लेबाज थे ।
Most Century and Half Century

विराट कोहली को दूसरे से अलग इसलिए माना जाता था कि वह अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में बदलने की क्षमता रखते थे । कोहली ने अपने टेस्ट करियर में 30 शतक लगाए दूसरी ओर सचिन तेंदुलकर ने 123 मैच में 34 शतक बनाएं । हालांकि यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि कोहली ने पिछले 5 सालों में केवल तीन शतक बनाए । अगर उन्हें अपनी फॉर्म बरकरार रखी होती तो वह और भी शतक बना सकते थे ।
इसी दौरान कोहली अपने टेस्ट करियर में 31 अर्धशतक भी लगाए जबकि सचिन तेंदुलकर ने 123 मैच के बाद 41 अर्ध शतक बनाए थे ।
Most Not Out

कोहली 210 टेस्ट पारियों में 13 बार नवाज रहे जबकि तेंदुलकर 198 पारियों में 21 बार नवाब रहे । विराट कोहली और सचिन तेंदुलकर के यह आखिरी बताते हैं कि तेंदुलकर विराट से हमेशा एक कदम आगे रहे हैं । लेकिन आज के जमाने में जितना प्रमुखता विराट कोहली को दी जाती है उतनी प्रमुखता सचिन तेंदुलकर को नहीं दी जाती है । हालांकि विराट कोहली अपना करियर भी सचिन तेंदुलकर को देखते हुए ही शुरुआत किया था और विराट कोहली हमारे लिए सचिन तेंदुलकर जैसे ही बल्लेबाज हैं । इन दोनों बल्लेबाजों में यह तो हुआ आंकड़ों का तुलना लेकिन अगर बात की जाए इन दोनों के योगदान की तो इन दोनों के योगदान को हम किसी आंकड़ों में नहीं बट सकते है । यह दोनों हमारे देश के लिए एक अनमोल रतन है जिन्हें इतिहास के पूनम में हमेशा याद रखा जाएगा ।